SEBA Class 9 Hindi Chapter 1 हिम्मत और जिंदगी - Roy Library (2024)

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हिम्मत और जिंदगी

अभ्यास-माला:

(A) सही विकल्प का चयन करो:

1. किन व्यक्तियों को सुख का स्वाद अधिक मिलता है?

(क) जो सुख का मूल्य पहले चुकाता है।

(ख) जो सुख का मूल्य पहले चुकाता है और उसका मजा बाद में लेता है।

(ग) जिसके पास धन और बल दोनो हैं।

(घ) जो पहले दुःख झेलता है।

उत्तरः (ख) जो सुख का मूल्य पहले चुकाता है और उसका मजा बाद में लेता है।

2. पानी में अमृत-तत्व है, उसे कौन जानता है?

(क) जो प्यासा है।

(ख) जो धूप में खुब सूख चुका है।

(ग) जिसका कंठ सूखा हुआ है।

(घ) जो रेगिस्तान से आया है।

उत्तरः (ख) जो धूप में खुब सूख चुका है।

3. ‘गोधूलीवाली दुनिया के लोगो’ से अभिप्राय है –

(क) विवशता और अभाव में जीनेवाले लोग।

(ख) जय-पराजय के अनुभव से परे लोग।

(ग) फल की कामना न करने वाले लोग।

(घ) जीवन को दाँव पर लगाने वाले लोग।

उत्तरः (घ) जीवन को दाँव पर लगाने वाले लोग।

4. साहसी मनुष्य की पहली पहचान यह है कि वह…..

(क) सदा आगे बढ़ता जाता।

(ख) बाधाओ से नही घबराता है।

(ग) लोगों की सोच की परवाह नहीं करता।

(घ) बिलकुल निडर होता है।

उत्तरः (घ) बिलकुल निडर होता है।

(B) संक्षिप्त उत्तर दो: (लगभग 25 शब्दों में)

1. चांदनी की शीतलता का आनंद कैसा मनुष्य उठा पाता है?

उत्तरः चांदनी की शीतलता का आनंद वह मनुष्य लेता हैं, जो दिन भर धूप में थक कर लौटा है, जिसके शरीर को अब तरलाई की जरूरत महसूस होती है।

2. लेखक ने अकेले चलने वाले की तुलना सिंह से क्यों की है?

उत्तरः लेखक ने अकेले चलने वाले की तुलना सिंह से इसलिए की कि झुंड में चलना और झुंड चरना, यह भैस और भेड़ का काम है। लेकिन सिंह निडर है। वह अकेला होने पर भी मगन रहता है, वैशे ही अकेले चलनेवाले मनुष्य भी सिंह तरह निडर और मगन रहते हैं।

S.L No.CONTENTS
Chapter – 1हिम्मत और जिंदगी
Chapter – 2परीक्षा
Chapter – 3बिंदु-बिंदु विचार
Chapter – 4चिड़िया की बच्ची
Chapter – 5आप भले तो जग भला
Chapter – 6चिकित्सा का चक्कर
Chapter – 7अपराजिता
Chapter – 8मणि-कांचन संयोग
Chapter – 9कृष्ण महिमा
Chapter – 10दोहा-दशक
Chapter – 11नर हो, न निराश करो मन को
Chapter – 12मुरझाया फूल
Chapter – 13गाँव से शहर की ओर
Chapter – 14साबरमती के संत
Chapter – 15चरैवेति
Chapter – 16टूटा पहिया

3. जिंदगी का भेद किसे मालुम है?

उत्तरः जिंदगी का भेद उसे मालुम हैं, जो यह जानकर चलता है कि जिंदगी कभी भी खत्म न होने वाली चीज है।

4. लेखक ने जीवन के साधको को क्या चुनौती दी है?

उत्तरः लेखक ने जीवन के साधको को यह चुनौती दी है कि अगर किनारे की मरी हुई सीपियों से ही तुम्हे संतोष हो जाए तो समुद्र के अंतराल में छिपे हुए मौक्तिक कोष को कौन बाहर लाएगा।

(C) निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दो: (लगभग 50 शब्दों में)

1. लेखक ने जिंदगी की कौन-सी दो सूरते बताई है और उनमें से किसे बेहतर माना है?

उत्तरः लेखक ने जिंदगी की दो सूरते बताई हैं – एक तो यह कि आदमी बड़े-से-बड़े मकसद के लिए कोशिश करें, जगमगाती हुई जीत पर पंजा डालने के लिए हाथ बढाए और सफलता में बाधा आए तो तब भी पीछे पाँव न हटाए।

दूसरी सूरत यह है कि उन गरीब आत्माओं का हमजोली बन जाए जो बहुत अधिक सुख पाती हैं और न जिन्हे बहुत अधिक दुःख पाने का संयोग न तो है।

इन दोनों में से पहली सूरत को बेहतर माना है।

2. जीवन में सुख प्राप्त न होना और मौके पर हिम्मत न दिखा पाना – इन दोनों में से लेखक ने किसे श्रेष्ठ माना है और क्यों?

उत्तरः जीवन मे सुख प्राप्त न होना और मौके पर हिम्मत न दिखा पाना – इन दोनों में से लेखक ने जीवन में सुख प्राप्त न होना को श्रेष्ठ माना है। क्योंकि मरने के समय हम अपनी आत्मा से यह धिक्कार न सुनें कि तुम में हिम्मत की कमी थी कि तुम ठीक वक्त पर जिंदगी से भाग खड़े हुए।

3. पाठ के अंत में दी गई कविता की पंक्तियों से युधिष्ठिर को क्या सीख दी गई है?

उत्तरः पाठ के अंत में कविता की पंक्तियों से युधिष्ठिर को यह सीख दी गई है कि युधिष्ठिर, जीवन उन लोगों के लिए नहीं हैं, जो सामने समर देखकर भागते हैं। जीवन उन लोगो के लिए हैं, जो अपनी चरण शोच कर, निर्भय हो कर लड़ते हैं।

(D) सप्रसंग व्याख्या करो: (लगभग 100 शब्दों में)

(क) साहसी हुआ मनुष्य सपने उधार नही लेता, वह अपने विचारों में रमा अपनी ही किताब पढ़ता है।

उत्तरः प्रसंग: प्रस्तुत अवतरण हमारी पाथ्य पुस्तक ‘आलोक’ के रामधारी सिंह ‘दिनकर’ द्वारा रचित ‘हिम्मत और जिंदगी’ शीर्षक पाठ से उद्धृत है। यहाँ साहसी मनुष्य के बारे में बताया है।

व्याख्या: प्रस्तुत अवतरण द्वारा रामधारी सिंह ‘दिनकर’ जी साहसी मनुष्य के बारे में बताते हुए कहा कि साहस की जिंदगी सबसे बड़ी जिंदगी होती है। इस जिंदगी की पहचान यह है कि वह बिल्कुल निडर होती है। वे जनमत की अपेक्षा करके जीते है। उनलोगो मे असली ताकत होती हैं। अडोस- पड़ोस को देखकर चलना, यह साधारण जीव का काम है। साहसी मनुष्य उन सपनो में भी रस लेता है, जिन सपनो का कोई व्यावहारिक अर्थ नही है। इसलिए साहसी मनुष्य सपने उधार नहीं लेता, वह अपने विचारों में रमा हुआ अपनी ही किताब पढते हैं।

(ख) कामना का अंचल छोटा मत करो, जिंदगी के फल को दोनों हाथो से दबाकर निचोडो।

उत्तर: प्रसंग: प्रस्तुत अवतरण हमारी पाठ्य पुस्तक ‘आलोक’ के रामधारी सिंह ‘दिनकर’ द्वारा रचित ‘हिम्मत और जिंदगी’ शीर्षक पाठ से लिया गया है। यहाँ दिनकर हमें कामना का आँचल छोटा न करने को कहा।

व्याख्या: प्रस्तुत अवतरण द्वारा लेखक दिनकर जी यह उपदेश देते हुए कहा कि हर मनुष्य के अपने अपने मन में जो-जो कामनाएँ हैं, उसे जाहिर करना चाहिए तथा जिंदगी के फलों को दोनो हाथों से दबाकर निचोड़ना चाहिए। क्योंकि वडी चीजें बड़ी सकटों में विकास पाती है, बड़ी हस्तियाँ बड़ी मुसीबतों में पलकर दुनिया पर कब्जा करती है। जिंदगी को ठीक से जीना हमेशा ही जोखिम झेलना है। फिर भी हमे अपनी कामना का आँचल छोटा न करके अपनी प्रतिभा को प्रकट कर जिंदगी को सार्थक बनाए। ताकि रस की निर्झरी बह सकती है।

भाषा और व्याकरण ज्ञान:

(क) भोजन का असली स्वाद उसको मिलता है, जो कुछ दिन बिना खाए भी रह सकता है।

(ख) लहरों में तैरने का जिन्हें अभ्यास है, वे मोती लेकर बाहर आएँगे।

(ग) जो सुखों का मूल्य पहले चुकाते हैं उन्हें स्वाद अधिक मिलता है। इन वाक्यों में मोटे छपे शब्द ‘उसको’, ‘जो’, ‘जिन्हें’, ‘वे’ और ‘उन्हें’ संबंधवाचक सर्वनाम है क्योंकि वाक्यों में इनका परस्पर संबंध है। संबंधवाचक सर्वनामों का प्रयोग करते हुए कोई अन्य पाँच वाक्य बनाओ।

अन्य उदाहरण:

(i) जो सोता है, सो खोता है।

(ii) जो लड़का सच बोलता है, वह विश्वास प्राप्त होता है।

(iii) जिन्हें मरने का चाव है आग में कुदो।

(iv) जो लोग पाँव भीगने के खौफ से पानी से बचते रहते हैं, समुद्र में डूब जाने का खतरा उन्हीं के लिए है।

(v) वह चीज भी तुम्हारी हो सकती है, जिसे तुम अपनी पहुँच के परे मान रहे हो।

2. इस पाठ में अरबी-फारसी के अनेक शब्द आए हैं, जैसे- मजा, जिंदगी। इनके हिन्दी रूप है आनंद, जीवन। यहाँ कुछ हिन्दी शब्द दिए जा रहे हैं। पाठ में से उनके अरबी-फारसी रुप चुनकर लिखो:

भय, सुगंधित, अनुभव, विशेषता, अंतर, वास्तविक, प्रयास, आवश्यकता।

उत्तरः

हिन्दी शब्दअरबी-फारसी रुप
भयखौफ
सुगंधितखुशबूदार
अनुभवमहसूस
विशेषताखासियत, सिफत (अ)
अंतरफर्क
वास्तविकअसलियत
प्रयासकोशिश
आवश्यकताजरूरत

योग्यता- विस्तार:

1. अवसर मिलने पर दिनकर कृत ‘कुरुक्षेत्र’ में से ‘भीष्म- युधिष्ठिर संवाद’ का चयन करो और कक्षा में उसे सुनाओ।

2. साहस और उत्साह का संदेश देनेवाली कुछ कहानियाँ अथवा निबंधो का संकलन करो।

अतिरिक्त प्रश्न-उत्तर:

1. रामधारी सिंह का जन्म कब और कहाँ हुआ था?

उत्तर: रामधारी सिंह ‘दिनकर’ का जन्म सन 1908 ई. में बिहार प्रदेश के मुंगेर जिले के सिमरिया गाँव में हुआ था।

2. रामधारी सिंह ‘दिनकर’ जी को कब राज्य सभा के लिए मनोनीत किया?

उत्तरः सन् 1952 ई. में कॉंग्रेस ने रामधारी सिंह ‘दिनकर’ जी को राज्यसभा के लिए मनोनीत किया।

3. कौन पुस्तक पर रामधारी सिंह ‘दिनकर’ को साहित्य अकादमी पुरस्कार मिला?

उत्तरः गद्य पुस्तक ‘संस्कृति के चार अध्याय’ नामक पुस्तक पर रामधारी सिंह ‘दिनकर’ जी को साहित्य अकादमी पुरस्कार मिला।

4. कौन काव्यग्रंथ पर ‘दिनकर’ को ज्ञानपीठ पुरस्कार मिला?

उत्तरः काव्यग्रंथ ‘उर्वशी’ पर दिनकर को ज्ञानपीठ पुरस्कार मिला।

5. दिनकर के पिताजी क्या काम करते थे?

उत्तरः दिनकर के पिताजी एक कृषक थे।

6. दिनकर को राष्ट्रपति ने किस सम्मान से सम्मानित किया?

उत्तरः दिनकर को राष्ट्रपति ने ‘पद्मभूषण’ से सम्मानित किया।

7. भारत सरकार ने दिनकर को कौन-सा पद पर नियुक्त किया था?

उत्तरः भारत सरकार ने दिनकर को हिन्दी सलाहकार के पद पर नियुक्त किया था।

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Ankit Roy

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Author: Amb. Frankie Simonis

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Name: Amb. Frankie Simonis

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